हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने की घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को मंडी के राजबन में दो बच्चों के शव बरामद किए गए। वहीं मलाणा टनल में फंसे दो इंजीनियरों समेत छह लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। रामपुर के समेज में 36 लोगों समेत 46 लोग अभी लापता हैं। समेज, बागीपुल, राजबन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड जवानों ने दिनभर सर्च ऑपरेशन चलाया। राजबन में अभी पांच लोग लापता हैं। लापता लोगों के परिजन और रिश्तेदार खुद भी अपनों को मलबे में ढूंढ रहे हैं।
चौहार घाटी के राजबन (तेरंग) में रेस्क्यू अभियान के दूसरे दिन लापता दो बच्चों अमन (9) और आर्यन (8) के शव बरामद हुए हैं तो इलाके में चीखपुकार मच गई। शुक्रवार सुबह 6:00 बजे सर्च ऑपरेशन में टीमों ने मोर्चा संभाल लिया जो दिन भर चला। मलबे में समाए दो रिहायशी मकानों का कुछ सामान भी सर्च ऑपरेशन में जुटी टीमों के हाथ लगा। उधर, मंडी के एडीएम मदन कुमार भी सर्च अभियान का जायजा लेने राजबन पहुंचे। राजबन में एहतियात के तौर पर 25 घरों को खाली करवा दिया गया है। इन घरों में रहने वाले लोगों के ठहरने की व्यवस्था गांव में ही खाली घरों में की गई है। प्रशासन ने पीड़ितों को राशन, मेडिकल किट और तिरपाल वितरित किए हैं। हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को फौरी राहत के तौर पर 25-25 हजार रुपये जारी कर दिए हैं।
उधर, मलाणा परियोजना के पास बादल फटने के बाद मची तबाही से मलाणा गांव का संपर्क कट गया है। मलाणा जल विद्युत परियोजना में फंसे दो इंजीनियरों सौरव शर्मा, विशाल पांडे, ऑपरेटर डोला सिंह, वेंकटेश, सर्च शाफ्ट के ऑपरेटर टीकम राम और श्रीदेव को सुरक्षित निकाल लिया गया। एनडीआरएफ, पुलिस, पर्वतारोहण संस्थान मनाली, होमगार्ड और छापे राम नेगी रेस्क्यू दल ने संयुक्त रूप से फंसे लोगों को 34 घंटे बाद रेस्क्यू किया। उधर, रामपुर के समेज में लापता 36 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
लापता लोगों की ड्रोन से तलाश
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि राजबन में खोज अभियान युद्धस्तर पर जारी है। अभी पांच लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए ड्रोन की सहायता भी ली जा रही है। हादसे वाले स्थान से नीचे की ओर खड्ड बहती है, जिसमें पानी का बहाव बहुत तेज है। अभी एक तीन माह की बच्ची और 11 साल की लड़की के अलावा तीन लोग लापता हैं।
महिला मंडल कर रहा भोजन की व्यवस्था
खोज अभियान में लगी रेस्क्यू टीमों को ठहरने की व्यवस्था स्कूल के प्रांगण में लगाए अस्थायी टेंटों में की है। पंजौंड़ गांव का महिला मंडल इनके लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है।